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  • March 22, 2023

स्त्री Rang Posts

हास्य रंग

हंसना मत

निर्वाचन आयोग को सलाह देना चाहती हँ कि अगर अखबार एवं टी वी में इतना एड व प्रचार करने के बाद भी मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ रहा है तो क्यों ना एक बार पोलिंग बूथ…

सामाजिक रंग
आलिंगन

आलिंगन

एक ऐसा शब्द जो अनेक सामाजिक पूर्वाग्रहों के चलते किंतु-परंतु, हां-नही,सही-गलत के भंवर से बाहर निकल कर सांस लेने को हमेशा ही छटपटाता रहता है| लेकिन यकीन मानिए यह दो व्यक्तियों के बीच सकारात्मक उर्जा…

शायरी
आभार तुम्हारा

आभार तुम्हारा

हम सभी को जीवन में कभी न कभी कोई न कोई एक ऐसा खास शख्स अवश्य ही मिलता है जो मिलते ही हमारी पूरी जिंदगी बन जाता है | फिर अचानक किसी दिन जब वो…

फिल्मी रंग
ट्रासजेंडर

ट्रासजेंडर

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ.. पेड़ बचाओ, धरती बचाओ... कभी कोई तो कहे कि... किन्नर पढ़ाओ... उन्हें भी सम्मान दिलाओ....

Hot Topics

कभी कभी

कभी-कभी कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता हैं कि अमिताभ न होते तो जीवन कैसा होता ? मेरे पास माँ है, तेरे पास क्या है ? कहकर कौन इतराता ? रोटी चुराकर खाने का पाप, सरकारी तंत्र के सिर पर लगेगा , यह महसूस कौन करवाता ? अमिताभ न होते तो देश का युवा...

सदी का महानायक

सदी का महानायक कविता – ‘सात हिंदुस्तानी’ का उर्दू शायर अनवर अली जिसे हिंदी की अरंतु परंतु समझ नहीं आती , फिल्म इंडस्ट्री में 50 साल पूरे कर आज दादा साहिब फाल्के पुुरूस्कार का जो बन गया हकदार है, वो और कोई नहीं , हरिवंशराय और तेजी का लाल , सदी का महानायक , अमिताभ...

क्यों कुबूल है ?

क्यों कुबूल है ? सातारा के जंगलों के एक वीरान खंडहर की अंधेरी , तूफानी ,तेज़ बारिश और कड़कड़ाती बिजली से थर्राती रात, जिसमें मस्तानी की जिंदगी कुछ ऐसे ठहर गई है कि भोर की कोई सूरत दूर तक नज़र नहीं आ रही है. ऐसे में निराश दासी मस्तानी से निवेदन करती हुई कहती है...

आंचल

रौनकें सब हैं लेकिन वो बात नहीं है,मेरे साथ उस आंचल की छांव जो नहीं है!दुआ बन कर चलता है आज भी मेरे हर ग़म में, उस मां सा कोई आशीर्वाद नहीं है !माना कि बिखरी पड़ी हैं खुशबूएं चारों ओर, मां की ओढ़नी सी वो सौंधी पुचकार नहीं है !इमारत बड़ी तो है मेरे घर की...

बेटा , स्वेटर पहन लो !

ममता का एक रंग… मां… एक ऐसा शब्द है जिस शब्द को सुनते ही मन में ममता, प्रेम और विश्वास का भाव स्वत: ही उमड़ने लगता है, तो जिस नाम से ही इतनी भावनाएं जुड़ी हों तो मां तो फिर मां ही होती है न… भूख खुद को लगे और खाना बच्चे को खिलाकर ,...

सोशल मीडिया की मीम्स वाली मां

सोशल मीडिया पर ट्रोल होते मां वाले मीम्स की भी एक अपनी फैन फोलोइंग है और बच्चों के साथ-साथ हर मां भी इन्हें पसंद करती है ! इन्हीं मीम्स को समर्पित मदर्स डे की यह कविता …. मुझे ये मीम्स वाली मां बहुत भाती है  जो हर सुबह पंखा-कूलर-एसी  बंद कर बच्चों को उठाती है...