
“अजी !सुनते हो ,निमि के पापा,पंडित जी का फ़ोन आया था ।निमि के लिए रिश्ता भिजवाया है ।तीन बहनें है लड़के की और माता पिता । तीनों लड़कियों का घर बस गया है ,लड़का इंजीनियर है उसकी भी एक शादी हुई थी पर टिकी नहीं”। स्मृति जी बड़ी खुशी से बोली । “ठीक है ,ठीक…

“अरे रीमा जल्दी करो ,देर हो रही है पार्टी में सब वैट कर रहे हैं यार ,तुम्हारे कारण लेट हो जाऊँगा मैं ” समीर एक साँस में बोल गया ।”अरे बस हो गया ,बच्चों को तैयार कर रही थी “।कमरे में से रीमा की आवाज़ आई । “आकर टाई तो बाँध दो ” समीर तमतमाते…

महिला दिवस वह कैसे महिला दिवस मनाये? क्या स्त्री पा गयी समानता अधिकार जो संविधान ने है दिया बंद हो गया नारी अत्याचार क्या नहीं होता स्त्री से बलात्कार कोई बेटी दहेज की बलि तो नहीं चढ़ती क्या माँ की गोद अब नहीं उजड़ती स्त्री का सुहाग तो अब नहीं…

“भैया! भैया ,सुनो तो पीछे तो देखो , मैं आपकी बहिन अरे !आप तो देख ही नहीं रहे चले जा रहे हो” । अपनी ही धुन में शिखा मन ही मन बुदबुदायी और तेज रफ़्तार से आगे बढ़ गयी अपने भैया को बुलाने के इरादे से । “अरे , ये क्या ! यह तो भैया…

पौ फटने से दिन ढले बस अनवरत लगी रहती गरमा- गरम नाश्ता हो या खाना हर किसी की पसंद – नापसंद सर आँखों पर रखती बस खुद के लिए ही कुछ न कर पाती पर फिर भी करती क्या हो तुम ? सास की दवाई हो ससुर की बीमारी हो या बच्चो की पढाई हो मेहमाननवाजी …

मुझे अच्छी तरह से याद है , आज से करीब दस साल पहले जब पापा ने मेरा हाथ सुनील के हाथों में ये कहते हुए दिया था आपसे के ” समधन जी , फूलों सी कोमल है मेरी बेटी , थोड़ी भावुक है ,पर दिल की नेक है , इससे कभी कोई भूल-चूक हो जाये…

तलाख ,डाइवोर्स,छुट्टाछेड़ा तुम्हारे लिए बस ये एक नाम था पर जब ये जिंदगी की हकीकत बन सामने आया तो बिखर सी गयी थी मैं सासे थम सी गई थी अपने आप में ही सिमट कर रह गई थी सोचती रह गई के सात जन्मों का यह बन्धन क्यों साथ मेरा निभा न सका| पहले विश्वास…

ख़ामोश रात का अंधेरा कुछ छुपा जाता है , कही सिसकियाँ तो कही दर्द भरी कोई चीख़ आग़ोश में अपनी छुपा जाता है । सुनसान सी सड़कें और दूर -दूर तक पसरा सन्नाटा अचानक कही से घूरती हुई दो जोड़ी हैवानी आँखें मन को अंदर तक झकझोर सा जाता है । खामोश चुपचाप -सा कुछ…