‘किसी के मन को छूकर इशारा कर पाना इतना भी आसां कहां है , ऐ यार
ये वो चिराग है जिसमें खु़द को जलाकर बेशर्त रौशन करना पड़ता है किसी के दिल में प्यार!’
छूकर मेरे मन को , गीत फिल्म याराना (1981) का है|
इस गीत के रचयिता हैं आनंद बक्शी , संगीत से सजा कर संवारा है राजेश रौशन ने और स्वर दिया है किशोर कुमार ने|
पर्दे पर इस गीत के हर लम्हे को भरपूर जीया है किशन (अमिताभ बच्चन) और कोमल (नीतू सिंह) ने !
किशन को एक सफल गायक बनाने के लिए कोमल उसे प्रशिक्षण देते -देते ,जाने -अनजाने मन ही मन उससे प्यार करने लगती है जिसका किशन को आभास तक नहीं होता है|
उधर अपने जान से प्यारे दोस्त किशन को गायक बनाने के लिए बिज़नेसमैन बिशन(अमज़द खान) अपना सबकुछ गिरवी रखने के चक्कर में कुछ ऐसे हालातें से दो-चार होता है कि किशन के पहले शो में नहीं पहुंच पाता|
इधर अपने पहले ही शो में किशन हज़ारों की भीड़ देखकर घबरा जाता है और उसकी बेचैन नज़रें अपने दोस्त बिशन को तलाशती है क्योंकि अब तक हमेशा से वो केवल अपने दोस्त के सामने , केवल उसकी खुशी के लिए ही गाता आया था |
यह जानकर कि बिशन नहीं आ पाएगा ,किशन कोमल से स्टेज पर जाकर परफार्म करने से इंकार कर देता है जिस पर कोमल पहली बार उसके प्रति अपने प्यार को स्वीकार कर उसे अपने प्यार का वास्ता देकर स्टेज पर जाने को कहती है लेकिन किशन का इंकार सुनकर बुझे मन से वापिस चली जाती है !
किशन के निराश मन को कोमल का प्यार और समर्पण भीतर तक छू जाता है और वह कोमल को पुकारते हुए यह गीत गुनगुनाता हुआ स्टेज पर पहुंच जाता है |
कोमल लौट आती है |
पल भर में निराशा भरा घना अंधेरा छंट जाता है और प्यार की खुशनुमा इंद्रधनुषी धूप चारों ओर बिखर जाती है| किशन अपने गीत के हर बोल को कोमल को समर्पित करते हुए वादा करता है कि अब पूरा जीवन उसके होंठों से जो भी गीत निकलेगा वह केवल और केवल कोमल के प्यार की ही नज़र रहेगा|
बोल कुछ यूं हैं कि ~
छूकर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम
लगे प्यारा जग सारा
तू जो कहे जीवन भर
तेरे लिए मैं गाऊं
तेरे लिए मैं गाऊं
गीत तेरे बोलों पे
लिखता चला जाऊं
लिखता चला जाऊं
मेरे गीतों में
तुझे ढूंढे जग सारा
छूकर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम
लगे प्यारा जग सारा
छूकर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
आजा तेरा आँचल ये
प्यार से मैं भर दूँ
प्यार से मैं भर दूँ
खुशियाँ जहां भर की
तुझको नजर कर दूँ
तुझको नजर कर दूँ
तू ही मेरा जीवन
तू ही जीने का सहारा
छूकर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम
लगे प्यारा जग सारा
छूकर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
स्टेज पर यह नव युगल हजा़रों की भीड़ के सामने परफार्म करते हुए एकदूसरे की आंखों में आंखें डाले प्यार में ही खोए रहते हैं|
शायद यही स्थिति बन जाती है जब-जब कोई किसी का मन छू लेता है!
जेपी इंस्टीट्यूट आफ टैक्नालोजी के छात्र करन शर्मा ने इस गीत को अपने जिस अनूठे अंदाज़ में गाया है उसने मेरा मन तो छू ही लिया है ,और उम्मीद करती हूं आपका मन भी इस अहसास से अछूता नहीं रहेगा|
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‘हर गीत कुछ कहता है !’
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