एक ऐसा शब्द जो अनेक सामाजिक पूर्वाग्रहों के चलते किंतु-परंतु, हां-नही,सही-गलत के भंवर से बाहर निकल कर सांस लेने को हमेशा ही छटपटाता रहता है|
लेकिन यकीन मानिए यह दो व्यक्तियों के बीच सकारात्मक उर्जा का एक ऐसा जादुई ,निर्बाध प्रवाह है जो दोनों ही व्यक्तियों को हमेशा-हमेशा के लिए एक अद्भुत भावनात्मक बंधन में बांध देता है|
यदि आलिंगन को सही अर्थों में समझना चाहते हैं तो बगैर स्त्री भाव या पुरूष भाव को महसूस किए चरित्र-अचरित्र, नैतिक-अनैतिक, शुभ-अशुभ, सामाजिक-असामाजिक ,की तमाम धारणाओं-भावनाओं को विदा कर, बस पूर्ण साक्षी भाव सेे आलिंगन में डूब जाइए!
बस ,तब उस स्थिति में ही आप आलिंगन की एक ऐसी पराकाष्ठा पर पहुंचेंगे जहां जीवन के कुछ नए सूत्र आपके हाथ लगेंगे और वही सूत्र आपके जीवन में कई आश्चर्यजनक सकारात्मक बदलाव लाएंगे|
शायद इसी वजह से इसे जादू की झप्पी भी कहा जाता है|
तो ज़रा याद कीजिए कि आपने , अपने अपनों को आखिरी बार आलिंगन कब किया था !
जानती हूं बहुत समय से नहीं किया होगा |
तो देर किस बात की ?
आपके अपनों को अभी जादू की झप्पी दीजिए और देखिए फिर कमाल !
For all –
‘For all the love and care they’ve given you !
Today give them the warmth of a hug !
Go over , give them a hug !’
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आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 12 फरवरी 2022 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
